म्यूचुअल फंड क्या हैं?
म्यूचुअल फंड धनराशियों का संग्रह होता है, जिसे पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा संचालित किया जाता है, जो उस धनराशि को निवेश नीति के अनुसार इक्विटी, बॉन्ड मनी मार्केट उपकरणों और/या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड के लाभ:
- विविधता: म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपको त्वरित निवेश विविधता प्रदान करता है। आपके पास विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करने हेतु पर्याप्त धन न हो, लेकिन म्यूचुअल फंड हजारों अन्य निवेशकों से पैसा जुटाकर उस राशि को विभिन्न विकल्पों में निवेश करता है। परन्तु इसमें होने वाले जोखिम का वहन आपकों करना है। यह सुनिश्चित करता है कि आपने अपना पूरा धन एक ही निवेश विकल्प में नहीं रखे हों और किसी एक खराब निवेश से होने वाले बड़े नुकसान से आप सुरक्षित करते हैं।
- पेशेवर प्रबंधन: म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक और बड़ा फायदा यह है कि आपको अपने निवेश के लिए पेशेवर विशेषज्ञता मिलती है। एसेट मैनेजमेंट कंपनियां योग्य फंड मैनेजर प्रदान करती हैं, जो मजबूत रिसर्च टीमों और अपनी विशेषज्ञता की मदद से फंड के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सबसे अच्छे विकल्प चुनते हैं। यह आपको अपने निवेश की लगातार निगरानी करने और सही खरीद या बिक्री के निर्णय के बारे में सोचने के समय और तनाव से बचाता है। म्यूचुअल फंड के साथ, आपको बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
- किफायती: आप बड़ी कंपनियों के शेयर खरीदना या किसी विशेष क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं। परन्तु, आपके पास उस निवेश हेतु पर्याप्त धन न हो। म्यूचुअल फंड बड़ी मात्रा में ट्रेडिंग करता है, जिससे उनके निवेशकों को कम ट्रेडिंग लागत का फायदा मिलता है।
कोई भी व्यक्ति सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से मात्र 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकता है।
- सु-विनियमित: भारत में, सभी म्यूचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा विनियमित होते हैं। सभी म्यूचुअल फंडों को सेबी द्वारा निर्धारित पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है, जो निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। इसके अलावा, सेबी सभी म्यूचुअल फंडों के लिए मासिक आधार पर अपने पोर्टफोलियो का खुलासा करना अनिवार्य करता है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार:
- इक्विटी फंड: इक्विटी फंड निवेशकों को शेयर बाजारों में भाग लेने की अनुमति देते हैं।7हालांकि इन्हें उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया है, लेकिन लंबी अवधि में इनमें उच्च रिटर्न की भी संभावना होती है। ये उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो अपनी कमाई के शुरुआती चरण में हैं और एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं जो उन्हें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे।
- डेब्ट फंड: डेब्ट फंड अपना अधिकांश पैसा ऋण - निश्चित आय वाले साधनों जैसे सरकारी प्रतिभूतियों, बॉन्ड, डिबेंचर आदि में निवेश करते हैं। इनका जोखिम कम और रिटर्न कम होता है और ये कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए आदर्श होते हैं जो स्थिर आय उत्पन्न करना चाहते हैं। हालांकि, ये क्रेडिट जोखिम के अधीन हैं।
- समाधान-उन्मुख फंड : समाधान-उन्मुख फंड आपको एक विशिष्ट लक्ष्य के लिए निवेश करने में मदद करते हैं, जिससे अनुशासन बढ़ता है, क्योंकि निवेशक तब तक इन कॉर्पस से पैसे निकालने की संभावना कम रखते हैं जब तक कि वह लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता, जिससे दीर्घकालिक निवेश सुनिश्चित होता है। इन्हें विशेष रूप से सेवानिवृत्ति योजना या बच्चों के लिए बचत के उद्देश्यों के लिए निवेशकों को दीर्घकालिक धन सृजन का एक साधन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- हाइब्रिड फंड: हाइब्रिड फंड वे म्यूचुअल फंड योजनाएं हैं जो अपने निवेश को इक्विटी, ऋण और/या सोने जैसी अन्य परिसंपत्तियों के बीच आबंटित करती हैं। बाजार जोखिमों के आधार पर आवंटन में परिवर्तन हो सकता है। ये उन निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त हैं जो अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न का संयोजन देख रहे हैं।
- इंडेक्स फंड: इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए उचित हैं जो इक्विटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन स्टॉक रिसर्च और चयन की परेशानी नहीं चाहते हैं। एक इंडेक्स म्यूचुअल फंड उसी रणनीति का पालन करता है जिस पर वह आधारित है और समान रिटर्न प्रदान करता है।
- टैक्स सेविंग फंड: टैक्स सेविंग फंड निवेशकों को कर लाभ प्रदान करते हैं। वे इक्विटी में निवेश करते हैं और इन्हें इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम भी कहा जाता है। इस प्रकार की योजनाओं में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जो कर-बचत लिखतों में सबसे कम है। इन योजनाओं में किया गया निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए योग्य है।
म्यूचुअल फंड पर जानकारी:
- विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं की दैनिक एनएवी.
- म्यूचुअल फंड की विभिन्न योजनाओं के बारे में विवरण, जिसमें एसआईडी शामिल हैं।
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया एक एएमएफआई पंजीकृत म्यूचुअल फंड वितरक है। म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। सभी योजना संबंधी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।
म्यूचुअल फंड पर कमीशन:
सेबी परिपत्र: सेबी/आईएमडी/परिपत्र सं. 4/ 168230/09 के अनुसार, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (एएमएफआई पंजीकृत म्यूचुअल फंड वितरक एआरएन-39091) द्वारा विभिन्न फंड-हाउस से अर्जित कमीशन का विवरण नीचे दिया गया है जिनके उत्पाद वितरित किए जा रहे हैं।
यह दरें, एएमसी से दरों के उपलब्ध होने पर सर्वोत्तम प्रयास के आधार पर अपडेट की जाती हैं। योजना-वार कमीशन संरचना के अधिक विवरण के लिए कृपया एएमसी का चयन करें।
विभिन्न एएमसी हेतु विस्तृत कमीशन/ब्रोकरेज विवरण:
- निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड
- टाटा म्यूचुअल फंड
- पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड
- डीएसपी म्यूचुअल फंड
- एडेलवाइस म्यूचुअल फंड
- मोतीलाल म्यूचुअल फंड
- फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड
- सुंदरम म्यूचुअल फंड
- आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड
- मिराए एसेट म्यूचुअल फंड